दस सवारियों की क्षमता वाली नाव में थे 15 सवार, नर्मदा में डूबी किश्ती, पांच लापता बरगी डूब क्षेत्र के मेहगांव घाट के पास घटना, सिवनी के बखारी से वैवाहिक समारोह में शामिल होकर लौट रहे थे ग्रामीण,बचाव दल लगा खोज में .
मंडला जिले के बरगी डूब क्षेत्र में घोटखेड़ा से सिवनी जिले के बखारी शादी समारोह में शामिल होकर लौट रहे ग्रामीणों की नाव सुबह 7 बजे नर्मदा की अथाह जल राशि में डूब गई। इस हादसे में पांच लापता है। जिसमें चार महिलाएं और एक बच्चा शामिल है। नाव में पंद्रह सवार थे, जिसमें 9 की जान बचा ली गई है। लापता की तलाश के लिए सर्चिंग जारी है। वोट की मदद से तलाश की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज से 3 दिन पूर्व एक वैवाहिक आयोजन में ग्राम घोटखेड़ा से लोग सिवनी जिला के बखारी गांव गये थे । और आज गुरुवार को प्रातः काल ये लोग वापस मण्डला जिले के अपने गृह ग्राम घोटखेड़ा आने के लिए नाव में सवार हुए जब ये लोग नाव में सवार होकर नदी पार कर रहे थे इसी बीच मेहगांव के निकट नाव पलट पलट गयी जिसमे नाविक समेत १४ अन्य अथाह जल में गिर गए । इनमे मे से 4 महिला और एक बालक नदी के अथाह जल में डूब गए , जिसमें देवराज पिता नरेश 8 वर्ष निवासी दगला, धनिया बाई पति दान सिंह 55 वर्ष निवासी घोंटखेड़ा, बुद्धोबाई पति महेन्द्रसिंह 50 वर्ष निवासी घोटखेड़ा, कलावति पति जयसिंह तेकाम 40 वर्ष निवासी दगला, लालती बाई पति नरेश 30 वर्ष निवासी दगला शामिल है। नाव में सवार सेष अन्य 10 लोगो को नदी में मोजूद एक अन्य नाव में सवार लोगो की मदद से बचाया गया , जबकि कुछ लोग नदी को तैरते हुऐ बच गये हैं । यहां बता दे नर्मदा नदी का यह जल ग्रहण इलाका चुटका परमाणु बिजली घर के प्रस्तावित स्थल के निकट है । वही नाव दुर्घटना का स्थल मण्डला जिला और सिवनी को नर्मदा नदी के आर पार को विभाजित करता है,नाव में सवार सभी लोग सिवनी जिले के बखारी घाट से मण्डला जिले के मेहगांव घाट आ रहे थे । नाव दुर्घटना की खबर के साथ ही निवास के विधायक डॉ अशोक मर्सकोले मण्डला एडीएम मीना मसराम अतरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम कुशवाहा नारायणगंज पुलिस अधिकारी और आपदा प्रबंधन की टीम नदी में डूबने से लपता जनो की खोज में लगी हुई हैं
अपुष्ट जानकारी के अनुसार इस नाव में छेद होने की बात सामने आ रही है।जिसकी वजह से नाव में पानी भरने लगा,और यात्रियों में अफरा तरफी मच गई।परिणामस्वरूप नाव का बैलेंस बिगड़ गया,और यह दुःखद घटना घटित हुई ।
अगर यह बात सत्य है,कि नाव जर्जर हालत में थी,तो इस दुर्घटना के लिए जिम्मेवार किसे माना जायेगा।क्योंकि कहीं न कहीं प्रशासकीय अमले की चूक है,कि जर्जर हालत में नाव सवारी ढोने के कार्य में कैसे लगी हुई थी?स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि की सक्रियता सराहनीय रही।इन्होंने अपनी जिम्मेदारी को पूर्ण रूप से निभाने का प्रयास किया है ।
दिनभर चली तलाश – सुबह घटना की जानकारी लगने के बाद 1 घंटे के अंदर प्रशासनिक अमला और रेस्क्यू करने के लिए दल पहुंच गया । 8 बजे से नर्मदा की अथाह जलराशि में तलाश शुरू की गई। दोपहर तक तलाश के बाद दल खाली हाथ आया है। इसके बाद दोबारा दल नर्मदा में उतरा लेकिन शाम तक किसी की भी तलाश नही हो पाई है । समाचार लिखे जाने तक नदी में डूबे लोगो की फिलहाल कोई जानकारी नही मिली हैं ।