बच्चो को बैठने जगह नहीं, शिक्षक भी नही मिले, भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़
मवई विकासखंड के ग्राम पंचायत अमवार के रेहताखेरो में संचालित माध्यमिक शाला की कक्षाएं आंगनबाड़ी भवन में लग रही है। दरअसल यहां स्वीकृत भवन तीन किलोमीटर दूर सुन्हेरा गांव में बन दिया गया है। अब यहां स्कूल भवन विद्यार्थियो को नसीब नही हो पा रहा है। विद्यार्थियों की पढ़ाई नही हो रही है। लेकिन इस तरफ प्रशासन का ध्यान नही है।
जानकारी के मुताबिक बैगा बाहुल्य ग्राम पंचायत अमवार में वर्ष 2007-8 में माध्यमिक शाला का संचालन किया गया है। यहां स्कूल में 54 बच्चे दर्ज है। जिसमें कक्षा 6 में 16, कक्षा 7 में 28 और कक्षा आठ में 10 बच्चे अध्ययन कर रहे है। माध्यमिक शाला के लिए भवन नहीं है। जिसके कारण कक्षाओं का संचालन आंगनबाड़ी में किया जा रहा है। पुरानी आंगनबाड़ी केंद्र में एक कमरा, बरामदा और एक सामग्री रखने के लिए छोटा सा कमरा है। छोटे कमरे में आठवी की कक्षा लग रही है, यहां स्टाफ रूम है, हाल में 7 वी और बरामदा में कक्षा छटवीं की कक्षा लग रही है। यहां बच्चों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। बरामदा में बच्चें बैठने के बाद निकलने तक के लिए जगह नही रहती है। यहां बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। यहां विभाग के अधिकारियों के द्वारा समस्या निराकरण के लिए कोई भी प्रयास नहीं किये जा रहे है। बीईओ, बीआरसी , जनशिक्षक,और मवई विकासखंड कें विभागीय अधिकारी मॉनीटरिंग भी नहीं कर रहे है। जिसके कारण जिला स्तर तक इस तरह की समस्या नही आ रही है। जिससे समस्याओं के निराकरण के लिए पहल की जा सके।
तीन 3 किमी दूर सुन्हेरा में भवन:
स्कूल स्वीकृत के एक साल बाद ही वर्ष 2008-9 में यहां भवन स्वीकृत हो गया था। निर्माण एजेंसी ने मनमाने तरीके से 3 किलोमीटर दूर सुन्हेरा गांव में भवन का निर्माण कर दिया है। जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। भवन धीरे-धीरे खंडहर हो जाएगा। निर्माण एजेंसी से सिर्फ इसलिए निर्माण दूसरे गांव में कराया है कि रेहताखेरो तक मटेरियल ले जाने में परेशानी थी। वहां जाने के लिए पक्का रास्ता नहीं था। जिसके कारण सुन्हेरा में भवन बना दिया गया। इस मामले में आजतक ना कोई जांच हुई है और ना ही कार्रवाई। विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे है।
स्कूल में शिक्षक भी नहीं:
माध्यमिक शाला का संचालन करीब 10 वर्ष से हो रहा है लेकिन विभाग एक नियमित शिक्षक की व्यवस्था भी नहीं बना सका है। प्राथमिक शाला के शिक्षक के द्वारा यहां अध्ययन कराया जा रहा है। माध्यमिक शाला रेहताखेरो बिना भवन और शिक्षक के संचालित हो रही है। प्राथमिक शाला में भी दो शिक्षक है, जिसके कारण दोनो शाालाएं एक शिक्षकीय हो गई है। माध्यमिक शाला में शिक्षक पदस्थ करने की मांग की जा रही है।

इनका कहना है
शाला में बच्चों के बैठने की व्यवस्था नहीं है फिर भी एक कमरे में बच्चे बैठे हैं हमको मजबूरी में यही बच्चों को भेजना पड़ रहा है मवई दूर होने के कारण यहां बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा है।
शिवकुमार तेेकाम, ग्रामीण
आंगनबाडी के छोटे से कमरे में बैठकर पढऩा पड़ता है बस्ता रखने के लिए जगह नही है, पढ़ाई नही हो रही है, स्कूल के लिए टीचर भी नही है।
मनीषा उइके ,राहताखेरो
बरसात में बहुत परेशानी है बच्चों के बैठने के लिए जगह नहीं है और पास में दूसरे स्कूल भी नहीं है, बड़ी समस्या है, मजबूरी में यहां बच्चो को पढ़ा रहे है।
कुंवारिया बाई
इस संबंध में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है शिक्षण कार्य में परेशानी होती है एक ही कमरे में दो कक्षाओं का संचालन करना पड़ रहा है।
कमलेश मार्को प्रभारी, प्रधानपाठक
ग्राम सभा में प्रस्ताव लाकर अतिरिक्त कक्ष की मांग की जाएगी और बच्चों के लिए जल्द व्यवस्था की जाएगी, कब तक विभाग के भरोसे बैठे रहेगे।
महेश धुर्वे सरपंच