
नदी के मुहाने पर कचरे का अम्बार , खोश है जिम्मेदार
नैनपुर- तुमने जो मुझे दिया हमने तुमको वही लौटाया । बाढ़ के बाद कुछ यही संदेश देती हुई नैनपुर के दोनों मुहानों में अवस्थित नदियां लोगों को आइना दिखा रही है । थांवर और चकोर नदी के दोनों किनारों पर जमा कचरा और अपशिष्ट पदार्थ बता रहा है कि नगरवासियों ने इन्हें सहेजने के बजाय इनपर कितना जुल्म ढाया है । आज इनके अस्तित्व और संरक्षण की बात मंचो पर कही जा रही है । इनकी सफाई का बीड़ा उठाने की कुछ कवायदों के फोटोग्राफ और प्रमाणपत्र घर के फ्रेम में सजाये गये है । किंतु एक ही बाढ़ में लोगों को उनकी असलियत दिखाते नदी के किनारे बता रहे है कि इनके बचाव के लिए किये जा रहे प्रयास कितने नाकाफी है । आज जब जल संरक्षण और संवर्धन की बात के साथ नदियों को सहेजने की बड़ी बड़ी बातें हो रही है तब नैनपुर जैसे अदद कस्बे में नगर के गंदे नालों का पानी नदी में बदस्तूर मिल रहा है । शहर का कचरा इनके किनारों पर जमा देखना है तो थांवर नदी के किनारे खड़े हो जाओ असलियत खुद ब खुद सामने आ जायेगी । पहली बाढ़ के बाद का पानी तो तेज बहाव में बह गया किन्तु नदी में फेंका गया या मिलाया गया शहर का कचरा और अपशिष्ट पदार्थ तैरकर किनारे लग गया । कहते है कि प्रकृति कभी किसी से कुछ नही माँगती न लेती है । जो तुम प्रकृति की देते हो वही तुमको वह लौटा देती है । इसी का नजारा चकोर और थांवर नदी के किनारों में आज देखा जा सकता है । जहां एक और पालिका प्रशासन नैनपुर को स्वच्छता में अव्वल लाने प्रयासरत है। नगर में जोर शोर से स्वच्छता अभियान संचालित भी है । मगर नदी में मिलने वाले गंदे नालों के बहते पानी को रोकने का कोई कारगर कदम नही उठाया जा रहा है । नतीजतन नैनपुर के दोनों छोरों में स्थित चकोर और थांवर नदियां जो किसी जमाने मे नगर की सुंदरता और सुरम्य प्राकृतिक परिवेश की कहानी कहती नजर आती थी । आज वे अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ती हुई नजर आ रही है।