जागरूकता…..

लड़कियों को अपने आप को दरिन्दों से बचाकर रखना होगा ।
ये दरिन्दे कोई भी हो सकते हैं।किसी पर विश्वास बिना जाने – समझे न करें ।हमेशा सतर्क रहें।
जिसके अन्दर हवस का कीड़ा जागा,नजरें गन्दी हुईं, इशारे, हरकतें गन्दी हुईं,,, तंज कसने गन्दे हुए, वही दरिन्दे हैं।
तंज कसने में अकेली लड़की, महिला को देखा और शुरू,,,, इसमें अधिकांश लड़के पढ़े – लिखे, अमीर परिवार से भी होते हैं।
लड़कियों के लिए एक सलाह है कि सबसे पहले पूरा मन पढ़ाई में लगाकर सक्षम बनें।
अब वह समय नहीं रहा कि जिस खूंटी में माँ-पिता ने बिना आपकी राय जाने बांध दिया बंध गये। अब आपकी सहमति से ही आपका जीवन साथी चुना जाने लगा है,,, गलत रास्ते में न जायें,, boyfriend आदि के चक्कर में न पड़ें।
समाज के सभी वर्ग – सम्प्रदाय के सभी परिवार जनों से आग्रह है कि आप सभी जहां भी जाते हैं,, एक बार नजर अवश्य दौड़ाएं कि कहीं किसी को आपकी मदद की जरूरत तो नहीं है,, कोई बच्ची, बहन कोई मुसीबत में तो नहीं है?
यदि कोई भी परेशानी या भटकाव वाली बहन मिले,, तो उसे गार्जियन की तरह समझाये,, उसकी रक्षा करें। क्योंकि सभी अपने बच्चों के साथ हरदम नहीं हो सकते हैं।
सभी लड़कियां आत्मरक्षा के लिए अपने साथ लाल मिर्च पाउडर आदि रखें। स्वयं कि या अपनी दूसरी बहनों की रक्षा कर सकें, यदि ऐसी परिस्थिति बने तो।
कुछ बातें हैं जिससे हम समाज में प्रेरणा बन सकते हैं व जागरूकता ला सकते हैं।
कोई भी हो दरिन्दों का सपोर्ट कोई भी न करें व खौफ वाली सजा मिले, तो ये दरिन्दगी भी नष्ट हो जायेगी।

श्रीमती हीरा रजक, शिक्षक

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