
मवई- वनांचल क्षेत्र मवई जो की जिले की सीमा में बसा हुआ जिला मुख्यालय से भी अच्छी खासी दुरी हो जाती है जिससे आलाअधिकरी का ध्यान भी ज्यादा नही जाता जिसका फायदा मवई में पदस्त शासकी कर्मचारी उठाते
मण्डला बिछिया से आना जाना करना और नदारत रहना।
पशुचिकित्सालय जैसे संवेदन शील विभाग की स्थिति और ज्यादा बत्तर हे लोग पशुचिकित्सालय मवई के चक्कर लगाते फिरते हे किन्तु कभी समय में कभी लोगो के मवेशियों को समय पर उपचार नही मिल सकता विगत वर्ष पशुचित्सक मवई के समय पर न मिलने से मवई समेत आसपास के क्षेत्रो की एक हफ्ते के भीतर दर्जनों मवेशियो की मौत हो गयी और आज भी आलम यही है एक कर्मचारी द्वारा समय पर पशुचिकित्सालय का ताला तो खोल दिया जाता है किंतु कार्यालय में कोई नही मिलता क्षेत्रवासियो की माने तो मवई में पदस्थ पशु चिकित्सक तो कभी नही मिलते यहा पदस्थ पशु चिकित्सक मवई आते भी हे तो कभी कभी कुछ घंटों के लिए वो भी सिर्फ अपने शासकीय दस्तावेजो और जानकारियों को पूर्ण करने हेतु जबकि उनके काम पशु चिकित्सालय में रहकर सेवा देने का हे जो नही हो रहा इतने संवेदन शील विभाग की लापरवाही कम होने के विपरीत बढ़ती चले जा रही है पशु चिकित्सालय मवई में पदस्त अधिकारी कर्मचारीयो को आला अधिकारियों का भी खोप नही लोग परेशान है आसपास के लोग या स्थानीय लोगो द्वारा जब अपनी मबेसियो के उपचार हेतु पशुचिकित्सालय मवई पहुचते हे तो कोई सक्षम अधिकारी या कर्मचारी नही मिलते जिससे उनके मबेसियो का उपचार हो सके और जो कार्यालय खोल कर बैठते हे उन्हें इतनी जानकारी होती नही शासन की योजना से खुले पशु चिकित्सा केंद्र मवई पहुचकर लोग शासन द्वारा स्वम ठगा महसूस कर रहे हे की शासन नाम मात्र के लिए पशु चिकित्सा केंद्र मवई में खोल कर रखा गया है बस इससे कोई लाभ नही मिल पा रहा है
लापरवाही की भेठ चढ़ी शासन की योजना
शासन की योजना से मवेशियो का बीमा विभाग द्वारा किया जाता है तथा बीमा अवधी में मावेसी की मृत्यु होने पर आर्थिक सहांयता मिलती है किंतु मवई में पदस्त चिकित्सक की लापरवाही के चलते लोगो को उसका लाभ भी नही मिल पा रहा है मवई निवासी भरत चक्रवर्ती ने बताया कि उनकी मवेसी की मृत्यु बीमा अवधि में हो गयी जिसकी कार्यवाही भी उसी समय कर दी गयी थी किन्तु आज एक साल बीत जाने के बाद भी सहायता राशि नही मिल सकी बस पशु चिकित्सालय के चक्कर काटना हाथ आया है और मवई में पदस्थ चिकित्सक तो मिलते नही ह और मिलते है तो सिर्फ गोल मोल बाते करते हे जानकारी अनुसार ऐसे अनेक मावेसी मालिक हे जिनके बीमे की राशि एक साल से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी नही मिल पाया है ।
लाखो की वैक्सीन ख़राब होने के कगार में लेकिन नही मिल सका लोगो को इसका लाभ
F.m.d. की वैक्सीन मुह पका, खुरपका बीमारी के रोकथाम के लिए । शासन के द्वारा पानी की तरह पैसे बहाए जा रहे प्रशाशन की योजना से मवेशियों में ठण्ड के दिनों में होने वाली बीमारियों मुह पका, खुरपका जैसी बीमारियों के रोकधाम के लिए एफ़, एम्, डी वैक्सीन विकासखंड स्तर पर उपलब्ध कराई है जिनकी कीमत सूत्रों के अनुसार कई लाख रुपए की हे जिसका फायदा लोगो को नही मिल पा रहा लगभग एक माह से ज्यादा का समय बीत गया पशु चुकित्सल्य मवई में आये इन वैक्सीन को किन्तु अभी तक इनका उपयोग न हो सका है
जानकारी अनुसार इन वैक्सीन को ठंडे स्थान में सुरक्षित रखा जाता है किंतु इतनी ज्यादा मात्रा में हे की इनके लिए फ्रीज की भी पर्याप्त व्यवस्था नही है अभी कुछ दिन पूर्व इस इतनी ज्यादा मात्रा म उपलब्ध वैक्सीन और उपयोग न होने की वजह पूछा गया पशु चिकित्सक मवई से उसके बाद कुछ वैक्सीन को पशु चिकित्सालय मवई से हटा दिया गया किन्तु लोगो तक आज तक नही पंहुचा ये वैक्सीन क्षेत्र के कुछ चिन्हित ग्रामो तक ही हो पाया है जबकि सभी मबेसियो के ये वैक्सीन लगना था बताया जा रहा इन वैक्सीन की कीमत बाजार में बहुत ज्यादा हे जिसे शासन द्वारा मुफ्त लगवाया जा रहा था
हरीश बिंझिया – मोतीनाला