जब मनुष्य प्राकृतिक नियमों की अनदेखी करता है,तब कोरोना जैसी महामारियां जन्म लेती हैं ।
कहा जाता है कि सावधानियां इलाज से कहीं बेहतर होती हैं ।अतएव हम सभी को चाहिए कि हम चिकित्सा विशेषज्ञों के उन समस्त निर्देशों का पालन करें,जो हमें व अन्यों को कोरोना से सुनिश्चित रूप से सुरक्षित करेंगे।
मास्क पहनें,भीड़ से बचें,किसी से हाथ न मिलाएं,हाथों की सोप से अनेक बार धुलाई करें ।साथ ही न अफवाहों का शिकार हों,न ही अफवाहों के वाहक बनें आत्मबल बनाये रखें औरों को ढाढस दें आदि
यही कहूंगा—
“व्यर्थ में रो ना
क्या करेगा “करोना ” ।
प्रो.शरद नारायण खरे ,प्राचार्य
शायकीय कन्या महाविद्यालय