आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के आयुर्वेद के परखे गए कई उपायों पर 31 मार्च 2020 को एक एडवाइजरी जारी की थी। परम्परागत, जड़ी-बूटी एवं वैकल्पिक चिकित्सा विकास परिषद एवं अनुसंधान केन्द्र के अध्यक्ष गजेन्द्र गुप्ता ने एडवाइजरी के संबंध में हमें बताया कि एडवाइजरी में 5 व्यापक क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

1- एडवाइजरी जारी करने की पृष्ठभूमि
कोविड 19 के प्रकोप से दुनिया में पूरी मानव जातिपीड़ित हैऐसे में शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली(रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बेहतर करना अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने मे
महत्वपूर्णभूमिका निभाता है।
हम सभी जानते हैं कि रोकथाम इलाज से बेहतर है।चूंकि अब तक कोविड-19 के लिए कोई दवा नहीं है, ऐसे समय में निवारक उपाय करना अच्छा रहेगा जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
2- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के सामान्य उपाय
क- पूरे दिन गर्म पानी पीजिए
ख- आयुष मंत्रालय की सलाह के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करें।ग- खाना पकाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है।
3- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय
क- रोज सुबह 10 ग्राम (1 चम्मच) च्यवनप्राश लें। मधुमेह रोगियों को शुगर फ्री च्यवनप्राश खाना
चाहिए।
ख- तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ और मुनक्का से बना काढ़ा/ हर्बल टी दिन में एक या दो बार पीजिए। अगर आवश्यक हो तोअपने स्वाद के अनुसार गुड़ या ताजा नींबू का रस मिलाएं।
ग-गोल्डन मिल्क- 150 मिली गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर- दिन में एक या दोबार लें।
4- सरल आयुर्वेदिक प्रक्रियाएं
क- नाक का अनुप्रयोग – सुबह और शाम नाक के नथुनों में (प्रतिमार्ष नास्य) तिल का तेल/ नारियल का तेल या घी लगाएं।
ख- ऑयल पुलिंग थेरेपी- एक चम्मच तिल या
नारियल का तेल मुंह में लीजिए। उसे पिएं नहीं बल्कि 2 से 3 मिनट तक मुंह में घुमाएं और फिर थूक दें। उसके बाद गर्म पानी से कुल्ला
करें। ऐसा दिन में एक या दो बार किया जासकता है।
5- सूखी खांसी/ गले में खराश के दौरान की प्रक्रिया
क- पुदीने के ताजे पत्तों या अजवाईन के साथ दिन में एक बार भाप लिया जा सकता है।
ख- खांसी या गले में जलन होने पर लवांग(लौंग)
पाउडर को गुड़/ शहद के साथमिलाकर दिन में 2 से 3 बार लिया जा सकताहै।
ग- ये उपाय आमतौर पर सामान्य सूखी खांसीऔर
गले में खराश को ठीक करते हैं। हालांकि अगर ये लक्षण बरकरार रहते हैं तो डॉक्टर से परामर्श लेना बेहतर होगा।
गजेन्द्र गुप्ता , मंडला