एक ख़त आपके नाम – जाने क्या लिखा है ?

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मीडिया टुडे परिवार को शुभारम्भ से ही आये दिन नए नए सुझाव , विचार , जानकारिया आपने पाठको से मेल , व्हाट्सअप आदि के मध्यम से प्राप्त होती है जिन्हें हम अपने अपने अलग अलग कॉलम में प्रकाशित करते है . यह ख़त भी उनमे से एक है जिस पर हम सभी का सोचना अनिवार्य है तो आईये प्रयास करे ज्यादा दूर नहीं सिर्फ अपने नजदीक में पड़ोस में अपने मोहल्ले में पूरी तरह नियमो का पालन करते हुए

प्रिय ………….
नमस्कार

कोरोना को लेकर पूरे देश में लोगों को अनेकों परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।
देश के विभिन्न राजनीतिक दल , जिलो का प्रशासनिक अमला अपने अपने विवेक और उपलब्ध व्यवस्थाओं से लोगों की मदद करने में लगा है ।
समाज सेवी भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार योगदान दे रहे हैं ।
लेकिन मुझे ऐसा लग रहा है कि अभी भी कुछ छूट रहा है , कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनसे कोई उनकी हालत नहीं पूछ रहा है , और शायद वे ऐसे लोग हैं जो संकोच वश किसी से कुछ मांग भी नहीं पा रहे हैं । कुछ उदाहरण देना चाहता हूं –

1- ऐसे बहुत से घर हैं जहाँ पैसे तो हैं लेकिन डर (संक्रमण का या पुलिस का) की वजह से घर से निकल ही नहीं रहे हैं ।
2 – कुछ ऐसे भी घर होंगे जहाँ पिछले कई दिनो से सिर्फ चावल या सिर्फ आटा होगा ।
3 – कुछ ऐसे भी घर होंगे जहाँ सिर्फ महिला और बच्चे होंगे , उस घर के पुरूष कही बाहर अपनी नोकरी में लॉक डाउन होंगे ।
4 – ऐसे भी बच्चे या लोग होंगे जो अपने घरों से दूर किसी के यहां पढ़ाई या काम के कारण किराए से रहते होंगे
5 – बाहर से ठीक ठाक दिखने वाले घरों के अंदर भी पैसों ,राशन,आवागमन,डर या अकेलेपन की समस्या हो सकती है ।
ऐसी और भी बहुत सी समस्याएं इन घरों में बंद हैं ।
मेरे मन में उन नेताओं के लिए एक काम आ रहा है जो पार्षद या सरपंच बनने के लिए अपने अपने वार्ड के एक एक घर में वोट मांगने जाते हैं ।
काम ये करना है कि एक स्कूटर एक रजिस्टर और पेन और एक अपना सहयोगी लेकर अपने वार्ड के छोटे बड़े हर घर के दरवाज़े पर जाएं , उनका नाम पता और उनकी समस्याओं को नोट करें ।
यदि कोई ऐसा घर मिलता है जहाँ कोई समस्या नहीं है तो उन्हें राशन या अन्य साधनों से दान करने के लिए प्रेरित करें ।
दो दिन में लोगों की सारी जरूरतें और दान में प्राप्त सामान की लिखित सूचना नगर पालिका या ग्राम पंचायत अध्यक्ष के सामने रखे । और तीसरे दिन लिस्टिंग करके जरूरत मंदो की मदद कर दी जाए ।
जरूरी नहीं है कि सामान या राशन ही लोगो की जरूरत हो , किसी को डॉक्टर के पास जाना हो किसी अकेले का कोई सहारा कही 100 – 50 किलोमीटर आस पास में हो किसी को सिर्फ दवाइयों की जरूरत हो आदि ।

जैसी उम्मीद है लॉक डाउन अभी और बढ़ाया जा सकता है । तो क्यों न इन जनप्रतिनिधियों को सख़्ती के साथ जनता की सेवा में लगाया जाय ।
मैंने ये सुझाव सिर्फ आपको ध्यान में रख कर लिखा है , जो भी मेरे मन मे चल रहा था वो सब आपको बताना चाहता था । आशा है जो में कहना चाह रहा हूँ उसे आप समझेंगे , और कुछ इससे भी बेहतर आप जरूर कर पाएंगे ।

धन्यवाद
आपका भाई और शुभ चिंतक

1 COMMENT

  1. बहुत अच्छा और जनहितकारी विचार है भाई, मैं आपसे सहमत हूं

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