कोरोना महामारी को देखते हुए ढाई साल में पहली बार मण्डला की खाइयों की सफाई के दौरान पहली बार नगर पालिका को पता चला कि लोगों ने सीधे सेप्टिक टैंक इन खाइयों में खोल दिये हैं जिसकी गंदगी नर्मदा जी मे जाकर मिलता है वहीं इन खाइयों पर बड़ी संख्या में लोगों ने अतिक्रमण भी कर लिया है।
मण्डला नगर में खाइयों की तरफ नगर पालिका प्रशासन का कोई ध्यान ही नहीं था लेकिन कोरोना की दहशत फैलाने के बाद इन खाइयों की सफाई की गई तो पहली बार नगर पालिका के अधिकारियों को पता चला कि इनमें लोगों ने अपने सैप्टिक टैंक खोल रखे हैं वहीं बहुत सी जगहों पर अतिक्रमण भी किया जा चुका है जिससे कि खाई का गंदा पानी इक्कठा होकर मच्छर और मख्खियों का अड्डा बना रहता है साथ ही इनमें सुअर भी हमेसा गंदगी बढाते देखे जा सकते हैं जो खाईयो की गंदगी को नगर भर में फैलने का काम करते हैं इसके अलावा इन खाईयों से बहने वाली गंदगी सीधे नर्मदा नदी के जल को भी दूषित करता है।अपने सफाई अभियान के दौरान नगर पालिका के द्वारा यहाँ उग आई झाड़ियों की कटाई के साथ ही इसका मलवा निकाला गया वहीं जो लोग खाईयों में सेप्टिक टैंक खोल कर रखे हैं या किसी भी तरह का अतिक्रमण कर चुके हैं उन्हें नोटिस भी देने की तैयारी है।
देर आए दुरुस्त आए की तर्ज पर नगर पालिका द्वारा खाईयों की ढाई साल में पहली बार सफाई तो की गई लेकिन यदि यह नियमित हो तो शहर में मक्खी मच्छर का आतंक कम हो और सेप्टिक टैंक की गंदगी भी नर्मदा माँ को दूषित न करे।