किसानो को गुमराह कर रही कांग्रेस
कृषि सुधार विधेयक 2020 को लेकर भाजपा कार्यालय में हुई पत्रकार वार्ता….
देश मे कृषि सुधार अध्यादेश लागू होने पर किसानों की भागीदारी बढ़ेगी और किसानों को अपनी उपज का वाजिव हक मिलेगा अपनी उपज को मनचाही जगह में बेंचने की स्वतंत्रता होगी कृषि उपज मंडी का कार्य सुचारू रूप से चलता रहेगा न्यूनतम सर्मथन मूल्य की व्यवस्था पूर्व की तरह जारी रहेगी किसानों को सशक्त करने के लिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि सुधार विधेयक का ऐतिहासिक क्रांतिकारी कदम देश के अन्नदाता किसानो के संपूर्ण हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया निर्णय है यह बात पत्रकार वार्ता मे केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री श्री फग्गनसिंह कुलस्ते ने व्यक्त किये इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्रीमति संपतिया उइके, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री भीष्म द्विवेदी जिला मीडिया प्रभारी श्री सुधीर कसार उपस्थित रहे। वार्ता में श्री कुलस्ते ने कहा कांग्रेस ने देश की आजादी के बाद किसानों को और आम जनता को गुमराह करते हुए सत्ता में बने रहने का काम किया है पूर्व में मध्यप्रदेश के किसानों को ऋणमाफी के नाम पर गुमराह करना सबसे बड़ा उदाहरण है कृषि सुधार विधेयक का विरोध कर कांग्रेस फिर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है क्योंकि कृषि सुधार विधेयक लागू होने से कांगेस के बड़े-बड़़े दलालों की दलाली समाप्त हो जायेगी केन्द्रीय मंत्री ने कहा कांग्रेस को यदि विरोध करना था तो संसद के अंदर किसानों के हित में चल रही चर्चा में भाग लेकर किसान हित में सार्थक सुझाव देना था लेकिन कांग्रेस ने हमेशा देश के हित में लिये गये प्रत्येक निर्णय का विरोध करने की आदत बना ली है। केन्द्र की मोदी सरकार ने 92 हजार करोड़ की राशि किसानों के खाते में सीधे भेजा है आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कृषि क्षेत्र के लिए 1 लाख करोड़ की घोषणा की गयी है प्रतिवर्ष 6 हजार रूपये किसान सम्मान निधि देने की योजना को प्रदेश के भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे बढ़ाते हुए किसान सम्मान निधि 4 हजार रूपये और देने की योजना प्रारंभ की है केन्द्र सरकार द्वारा 60 वर्ष की उम्र पार कर चुके किसानों को किसान मान-धन के तहत 3 हजार रूपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान किया है इस बात से प्रमाणित होता है कि भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकार किसानों के हित में निर्णय लेकर उनकी आय को दोगुना करना और आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश में लगी है यही वजह है कि मध्यप्रदेश को 5 बार कृषि कर्मण अवार्ड भी मिल चुका है केन्द्र सरकार के इस निर्णय से किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा देश में प्रतिस्पर्धी डिजिटल व्यापार का माध्यम का लाभ लेकर पूरी पारदर्शिता से किसानो ंका काम होगा मंडी में जाकर लाईसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेंचने की विवशता नहीं होगी और बिचौलियों के चुंगल से मुक्त रहेगे।