दिव्यांगजनों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने सम्मिलित प्रयास आवश्यक – हर्षिका सिंह

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निःशक्त बालिकाओं के लिए जीवन कौशल कार्यशाला संपन्न

दिव्यांग बालिकाओं हेतु आयोजित जीवन कौशल कार्यशाला को संबोधित करते हुए कलेक्टर हर्षिका सिंह ने कहा कि दिव्यांगजन भी समाज के अंग हैं, उनके उत्थान के बिना जिले एवं समाज के संपूर्ण विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए शासन द्वारा अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही हैं, आवश्यकता है उन योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की। श्रीमती सिंह ने कहा कि संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी सेतु के रूप में कार्य करते हुए निःशक्तजनों को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करना सुनिश्चित करें। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित इस कार्यशाला में जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसएस मरावी, संभागीय नोडल अधिकारी डॉ. रामनरेश पटैल, मनोवैज्ञानिक डॉ. श्रद्धा तिवारी एवं डॉ. प्रियंका परोहा, ब्रेल एवं मोबिलिटी विशेषज्ञ श्रीषथान थराटे, एपीसी केके उपाध्याय सहित संबंधित विभागों के अधिकारी तथा जिले के विभिन्न अंचलों से आए दिव्यांग बालिकाएं एवं उनके अभिभावक उपस्थित रहे।

कलेक्टर हर्षिका सिंह ने कहा कि मंडला जिले में निःशक्तजनों के विकास के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्हें शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए ऑनलाईन डेटा भी तैयार किया जा रहा है। निःशक्तजनों को आगामी एक माह में स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य शासकीय योजनाओं से लाभान्वित करने का प्रयास किया जा रहा है। विकासखंड स्तर पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं जिनके माध्यम से विभिन्न प्रकार की सेवाएं घर पहुंचाकर प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कंट्रोल रूम का समुचित लाभ लेते हुए उसे परिणाममूलक बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि दिव्यांगजनों की पात्रतापर्ची अनिवार्य रूप से बनाई जाए तथा उन्हें घर पहुंचाकर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। कलेक्टर ने अपने संबोधन में निःशक्तजनों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए जिला स्तर पर किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशाला के आयोजन से मनोबल बढ़ता है तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायता मिलती है। कार्यशाला में संभागीय नोडल अधिकारी डॉ. रामनरेश पटैल ने दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं तथा निःशक्त व्यक्ति अधिकारी अधिनियम के तहत् किए गए प्रावधानों की जानकारी दी। कार्यशाला में निःशक्तजनों को कृत्रिम अंगों का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर विशेषज्ञों द्वारा दिव्यांगजनों से संबंधित विषयों पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। 

पालक संकोच नहीं, सहयोग करें

               कार्यशाला में उपस्थित अभिभावकों के माध्यम से कलेक्टर हर्षिका सिंह ने आव्हान किया कि दिव्यांगजनों के पालकों को अपने बच्चों को आगे बढ़ाने एवं उनकी प्रतिभा निखारने में किसी भी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिए। दिव्यांगजनों में भी अनेक तरह की प्रतिभाएं होती हैं। पालकों को चाहिए कि वे संबंधित विभागों से समन्वय कर बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहभागी बनें। समेकित शिक्षा के तहत् घर-घर दस्तक देकर अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए।

दिव्यांग गनाराम की प्रस्तुति ने किया प्रभावित

               कार्यशाला में पिंडरई पड़रिया निवासी दिव्यांग गनाराम नरेटी ने मुंह से तबला, रेल, मोटरसाईकिल, नागिन धुन तथा विभिन्न जानवरों की हूबहू आवाज निकालकर मंचासीन अतिथियों एवं दर्शकों को प्रभावित किया। गनाराम ने पारंपरिक शैली पर स्थानीय बोली में मनमोहक भजन भी प्रस्तुत किया जिसकी उपस्थितजनों ने सराहना की। कलेक्टर हर्षिका सिंह ने गनाराम की इस प्रतिभा की सराहना करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।

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