सूनी गोद भरती है बड़ी माता

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संगम घाट में पिण्डी रूप में स्थापित बड़ी माता

महाराजपुर के संगम घाट में पिण्डी रूप में स्थापित है माता

मंडला. महाराजपुर संगम घाट में स्थापित बूढ़ी माई माता के मंदिर के पास ही बड़ी माता का स्थान है। जिन्हें मरहाई माता कहा जाता है। माता पिण्डी रूप में स्थापित है। जिनका चमत्कार भक्त आज भी बताते है। माता के सेवक ने बताया कि बूढ़ी माई माता के आसपास सुनबहरी माता, बड़ी माता, बाहरवासिनी माता, खैरमाई, शीतला माता विराजमान है। उसमें बड़ी माता भी लोगों की मन्नत पूर्ण करती है। माता को बूढ़ी माता के स्थान से अलग रखा गया है। इन्हें 1895 में ददनू नामक पंडा ने रामनगर खरेहनी से लाकर यहां स्थापित किया। ये ग्राम माता कहलाती है। बड़ी माता के पास सूनी गोद भरती है। चोरी, कोट, कचहरी के मामले शीघ्र निपटते है। जिसके लिए मन्नत जरूरी होती है। चैत्र नवरात्र में यहां बलि का विधान है। शारदेय नवरात्र में मीठा अठवाई, हलुआ का भोग लगता है। 9 दिन यहां नारियल नहीं फ ोड़े जाते। नवरात्र के चलते यहां लोगों ने अपनी मन्नत के अनुरूप जवारे खप्पर स्थापित कराए है। जिनकी मन्नत पूर्ण हुई है वे दोनों पहर माता के दर्शन को आते है।

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