राज्य शासन द्वारा कोविड-19 के संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों में राज्य की सेवा में कार्यरत कार्मिकों की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को तात्कालिक आर्थिक सहायता के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत् राज्य में कार्यरत समस्त नियमित/स्थाईकमी/दैनिक वेतनभोगी/तदर्थ/संविदा/ आऊटसोर्स/अन्य शासकीय सेवक/सेवायुक्तों के लिये मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना लागू की गई।
योजना का उद्देश्य – शासकीय सेवक/सेवायुक्तों की कोविड-19 के उपचार के दौरान /कोविड-19 से स्वस्थ होने के पश्चात संक्रमित होने के 60 दिवस में बीमारी के कारण आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को तात्कालिक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया जाना है।
पात्र कर्मी – राज्य के समस्त नियमित/स्थाईकर्मी/दैनिक वेतनभोगी/तदर्थ/संविदा पर नियुक्त सेवायुक्त जिनका वेतन/मानदेय/पारिश्रमिक आदि का भुगतान राज्य की संचित निधि से विकलनीय हो। विभागों द्वारा सक्षम स्वीकृति एवं मध्यप्रदेश भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 में निर्धारित प्रक्रिया के तहत ली गई आऊटसोर्स सेवाओं पर कार्यरत सेवायुक्त जिनका पारिश्रमिक/मानदेय आदि का भुगतान राज्य की संचित निधि से विकलनीय हो। विधि द्वारा स्थापित आयोग एवं ऐसी संस्थाएं जिनका शत प्रतिशत स्थापना व्यय राज्य के नियमित स्थापना मद से विकलनीय होता है अथवा इस हेतु स्थापना अनुदान दिया जा रहा हो, में कार्यरत सेवायुक्त। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका, आशा कार्यकर्ता, ग्राम कोटवार।
पात्रता की शर्तें – मृत सेवायुक्त के कोविड-19 पॉजिटिव होने के संबंध में चिकित्सकीय प्रयोगशाला की विधिमान्य रिपोर्ट (आरटीपीसीआर/आरएटी) होना चाहिये।
मृत्यु की तिथि पर शासन में नियोजन/शासकीय कार्य में कार्यरत होना आवश्यक है। मृतक शासकीय सेवक/सेवायुक्त पूर्णकालिक रूप से नियोजित/कार्यरत होना चाहिये। अंशकालिक रूप से नियोजित/कार्यरत सेवायुक्त को इस योजना के लाभ की पात्रता नहीं होगी।
वर्तमान में मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के अंतर्गत जिन परिवारों को आर्थिक सहायता प्राप्त करने की पात्रता है उन्हें इस योजना के लाभ की पात्रता नहीं होगी।
वित्तीय सहायता – योजना अंतर्गत अधिकतम रूपये 5 लाख तक विशेष अनुग्रह राशि का भुगतान किया जा सकेगा। जिन सेवायुक्तों को उनके नियोक्ता द्वारा पूर्व से ही अनुग्रह राशि (एक्सग्रेशिया) एवं मृत्यु सह सेवानियुक्ति उपादान या अन्य किसी नियम अधिनियम के तहत किसी भी प्रकार का अन्य उपादान का भुगतान किया जा रहा है तथा सेवायुक्तों को इन शीर्षों में भुगतान की गई कुल राशि रूपये 5 लाख से कम है तो रूपये 5 लाख एवं वास्तविक भुगतान हेतु आंकलित राशि के अन्तर की राशि का भुगतान इस योजना में किया जायेगा। जिन सेवायुक्तों को अनुग्रह राशि / उपादान राशि की पात्रता नहीं है, उनके पात्र दावेदार को रूपये 5 लाख का भुगतान किया जायेगा। परिवार में एक से अधिक सेवायुक्तों के योजनांतर्गत पात्र होने की स्थिति में प्रत्येक सदस्य के निधन पर निर्धारित गणना अनुसार पृथक-पृथक राशि देय होगी।
योजना की अवधि – यह योजना 1 मार्च 2021 से लागू होगी और 30 जनू 2021 तक लागू रहेगी।
(स्पष्टीकरण – यदि सेवायुक्त योजनावधि में कोविड-19 पॉजीटिव था लेकिन उसकी मृत्यु योजनावधि समाप्त होने के पश्चात् कोविड-19 पॉजीटिव होने के 60 दिवस के भीतर हो जाती है तो इस स्थिति में भी पात्र दावेदार को विशेष अनुग्रह राशि की पात्रता होगी।)
प्रकरण स्वीकृति हेतु सक्षम प्राधिकारी – जिलों में कार्यरत् सेवायुक्त की मृत्यु के समय उनके नियुक्ति स्थल के कार्यालय प्रमुख द्वारा निर्धारित प्रारूप में अपने अभिमत सहित प्रकरण संबंधित जिले के कलेक्टर को प्रेषित किया जायेगा। संबंधित जिले के कलेक्टर योजनांतर्गत सक्षत स्वीकृति जारी करने हेतु अधिकृत रहेंगे। कार्यालय प्रमुख की मृत्यु के प्रकरण में संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष अनुग्रह राशि स्वीकृत करने हेतु सक्षम प्राधिकारी होंगे। मंत्रालय/विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ सेवायुक्तों के प्रकरण में सामान्य प्रशासन विभाग/संबंधित विभागाध्यक्ष अनुग्रह राशि स्वीकृत करने हेतु सक्षम प्राधिकारी होंगे। राजभवन/विधानसभा/उच्च न्यायालय की स्थापना में कार्यरत सेवायुक्तों के प्रकरणों हेतु प्रमुख सचिव राजभवन/ प्रमुख सचिव विधानसभा/रजिस्ट्रार जनरल उच्च न्यायालय सक्षम प्राधिकारी होंगे।
आहरण संवितरण अधिकारी – संबंधित सेवायुक्त की मृत्यु के समय जिस कार्यालय से उसका अन्तिम वेतन/मानदेय/पारिश्रमिक का आहरण किया गया हो उसी कार्यालय के आहरण संवितरण अधिकारी द्वारा योजना अंतर्गत सक्षम स्वीकृति प्राप्त होने पर कोषालय से राशि आहरण की जायेगी। राशि का आहरण उसी बजट शीर्ष से किया जायेगा जिससे मृतक सेवायुक्त का अंतिम वेतन /मानदेय/पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है। टीप- आऊटसोर्स के माध्यम से सेवा प्रदान कर रहे सेवायुक्तों के लिये योजनांतर्गत राशि का भुगतान उनकी सेवायें प्रदान करने वाली एजेंसी के स्थान पर संबंधित दावेदार के खाते में किया जायेगा।
दावा प्रस्तुत करने की प्रक्रिया – दावेदार को आवश्यक दस्तावेजों के साथ परिशिष्ट-1 अनुसार दावा प्रपत्र भरकर उसे उस कार्यालय में प्रस्तुत करना चाहिए जहां संबंधित शासकीय सेवक सेवायुक्त मृत्यु के पूर्व कार्यरत था। संबंधित कार्यालय प्रमुख दावे का प्रसंस्करण करेगा एवं परिशिष्ट-2 अनुसार सक्षम स्वीकृति जारी करने हेतु सक्षम प्राधिकारी को दावा प्राप्त होने के 3 कार्यदिवस में अनिवार्यतः प्रेषित करेगा। सक्षम स्वीकृति प्राप्त होने पर आहरण संवितरण अधिकारी देयक तैयार करेगा और अनुग्रह राशि का भुगतान करने के लिए कोषालय में देयक जमा करायेग। अनुग्रह राशि हेतु दावा प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2021 अथवा योजना की अवधि के समाप्ति के 3 माह पश्चात की दिनांक होगी। अपरिहार्य स्थिति में विलंब के कारणों से संतुष्ट होने पर सक्षम प्राधिकारी अधिकतम 6 माह तक का विलंब माफ कर सकेंगे। अनुग्रह राशि हेतु दावा प्रस्तुत करने की पात्रता के क्रम में पति/पत्नि (जैसी भी स्थिति हो) प्रथम हकदार होंगे। इनके न रहने की स्थिति में विधिक संतानों (एक से अधिक होने पर बराबर राशि) तथा विधिक संतान न होने पर माता/पिता को दावा प्रस्तुत करने का अधिकार होगा। अर्द्धशासकीय/निगम/मण्डल/संस्थाओं/प्राधिकरण/विश्वविद्यालयों / नगरीय निकायों / पंचायती राज संस्थाओं के नियोजन हेतु राज्य शासन के निगम /मण्डल/संस्थाओं/प्राधिकरण / विश्वविद्यालय उनकी स्थापना में कार्यरत नियमित / स्थाईकर्मी/दैनिक वेतनभोगी/ तदर्थ/ संविदा/आऊटसोर्स सेवायुक्तों को उनके शासकीय निकाय के अनुमोदन से योजना का संचालन कर सकते हैं। शासकीय निकाय द्वारा योजनांतर्गत प्रकरणों की स्वीकृति हेतु सक्षम प्राधिकारी का नामांकन किया जायेगा। नगरीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं की स्वीकृत स्थापना में कार्यरत नियमित/स्थाईकर्मी / दैनिक वेतनभोगी/ तदर्थ/संविदा /आऊटसोर्स सेवायुक्तों को उनके प्रशासकीय विभाग द्वारा निर्णय लिया जाकर योजना को लागू किया जा सकता है। ऐसे प्रकरणों में योजनांतर्गत स्वीकृति देने के लिए सक्षम प्राधिकारी जिला कलेक्टर होंगे। राज्य शासन के निगम/मण्डल/संस्थाओं प्राधिकरण/विश्वविद्यालयों तथा नगरीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के अंतर्गत योजना संचालन की स्थिति में उनकी स्वयं की निधि से योजनांतर्गत अनुग्रह राशि का भुगतान किया जायेगा। टीप- यदि उपरोक्त किसी संस्था को योजनांतर्गत स्वीकृत अनुग्रह राशि भुगतान हेतु वित्तीय व्यवस्था में कठिनाई परिलक्षित होती है तो समुचित कारण सहित राशि की मांग का प्रस्ताव अपने प्रशासकीय विभाग के माध्यम से वित्त विभाग को प्रेषित किया जायेगा। अनुग्रह राशि के भुगतान संबंधी उक्त उपबंधों का निर्वचन तथा कठिनाईयों के निराकरण हेतु प्रकरण वित्त विभाग को प्रेषित किये जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना
राज्यशासन द्वारा कोविड-19 से माता, पिता या अभिभावक की मृत्यु के कारण अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा, आर्थिक सहायता तथा खाद्य सुरक्षा के लिए ’’मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना’’ प्रारंभ की गई है।
योजना का उद्देश्य – कोविड-19 से अनेक परिवारों में आजीविका उपार्जन करने वाले माता/पिता की आकस्मिक मृत्यु हुई है। ऐसे प्रभावित परिवारों के बच्चों को शासकीय सहायता दी जाने की आवश्यकता है। इस योजना का उददेश्य इन बच्चों को आर्थिक एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि वे गरिमापूर्ण जीवन निर्वाह करते हुए अपनी शिक्षा भी निर्विघ्न रूप से पूरी कर सकें।
योजना का विस्तार – यह योजना संपूर्ण मध्यप्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
परिभाषा – परिवार से अभिप्राय पति-पत्नी और उन पर आश्रित बच्चों से है। बाल हितग्राही से अभिप्राय है ऐसे बालक/बालिका जिनकी आयु 21 वर्ष या उससे कम है, परंतु स्नातक में अध्ययनरत रहने की स्थिति में 24 वर्ष या स्नातक पाठ्यक्रम की निर्धारित अवधि तक, इनमें से जो भी कम हो और जिनके – माता-पिता की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता का निधन पूर्व में हो गया था तथा उनके वैध अभिभावक की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता में से किसी एक का पूर्व में निधन हो चुका है तथा अब दूसरे की कोविड -19 से मृत्यु हुई है। ’कोविड-19 से मृत्यु’ का अभिप्राय ऐसी किसी भी मृत्यु से है, जो 1 मार्च 2021 से 30 जून, 2021 तक की अवधि में हुई। 18 वर्ष से कम आयु के बाल हितग्राही के मामले में संरक्षक का चिन्हांकन योजना के अंतर्गत कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।
योजना के अर्न्तगत लाभ प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि – प्रभावित परिवार मध्यप्रदेश का स्थानीय निवासी हो; परिवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता नही हो; बाल हितग्राही के मृतक माता/पिता ऐसे शासकीय सेवक या शासकीय उपक्रम के सेवक न हों जिन्हें पुरानी पेंशन स्कीम के अर्न्तगत पेंशन पाने की पात्रता हो।