प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम सिमरिया में 17वी सदी की ऐतिहासिक बावड़ी का जीर्णोद्धार किया गया है। कलेक्टर हर्षिका सिंह के निर्देशानुसार आरईएस विभाग द्वारा गोंड शासक राजा हृदयशाह द्वारा सत्रहवी सदी में निर्मित बावड़ी का जीर्णोद्धार कराया गया था। ऐसी मान्यता है कि राजा हृदयशाह द्वारा शिकार एवं जंगल में विश्राम के लिए इस बावड़ी का निर्माण करवाया गया था। गौड़ वास्तुकला शैली में निर्मित यह भवन पूर्वमुखी है। इस महल में दोनों ओर आयताकार बड़े कक्ष हैं जिनमें 5-5 मेहराबदार द्वार बने हुए हैं। बावड़ी के उत्तरी एवं दक्षिणी सिरे पर 2-2 कक्ष हैं जो द्वारों से जुड़े हैं। जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह भवन मध्यप्रदेश शासन पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक है।
