म.प्र.संयुक्त मोर्चा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की कलमबंद हड़ताल से कामकाज ठप्प

मांगो को पूरा करने अड़े आंदोलन कारी ,काम पर लौटने बढ़ा, सरकारी प्रशासनिक दबाव

मंडला । 22जुलाई से आंदोलन कर रहे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत आने वाले विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने छटवें दिन भी आंदोलन जारी रखा,घुघरी विकासखंड से सभी कर्मचारी अधिकारियों ने जिला मंडला जिला मुख्यालय पहुंच कर ,आंदोलन की कमान संभाली,हड़ताल के छटवे दिन ,ट्रायबल वेलफेयर टीचरस ऐसीसियेशन के प्रतिनिधियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर ,आंदोलन को नैतिक सहमति दी,शासन से पूर्व से स्वीकृत मांग को लागू करने बात कही ,सभी माँगे अनार्थिक हैं और पूर्व से घोषित हैं उन्हें क्यों पूरा नहीं किया जा रहा ? माँगे पूरी ना होने तक धरना स्थल पर डटे रहने की बात की व सरकार के विरुद्ध रोष प्रकट किया, नौकरी की अनिश्चितता को एक अभिषाप बताया,आंदोलनकारियों ने आज धरना स्थल पर सुंदरकांड का पाठ कर ,सरकार को शीघ्र सद्बुद्धि आये प्रदर्शन किया,साथ आज मंडला भ्रमण पर आये प्रदेश विधानसभा की लोक लेखा समिति म.प्र.सरकार के विधायकों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा व कर्मचारियों की माँगो के त्वरित निदान हेतु आवश्यक कार्यवाही हेतु निवेदन किया,

उल्लेखनीय है है कि कर्मचारियों का रोष सरकार के रूखे रवियै से,बढ़ता जा रहा है,उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी सरकारी दवाब में ,कर्मचारियों पर तरह तरह से कार्यवाही कर ,हड़ताल से वापस काम पर लौटने का दबाव बना रहें हैं,कर्मचारियों ने सरकार को ,चेताया कि वे तब तक ,बिना किसी दबाव में आये हड़ताल से वापस नहीं होंगे,जब तक उनकी माँगो को सरकार पूरा नहीं कर देती।

मुख्य माँग निम्नानुसार हैं-

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संविदा, अंशकालिक, आऊटसोर्सिंग ,अनुबंधित, शर्तों पर पदस्थ सभी योजना -परियोजना -मिशन-मंडल के
1- सभी अधिकारी – कर्मचारियों को 5 जून 2018 की शासकीय संविदा नीति के तहत नियमित किया जाए एवं संविदा नीति का लाभ देते हुये,उल्लेखित 90% का लाभ सभी संविदा कर्मियों को दिया जाए।

2- ग्राम रोजगार सहायकों को सहायक सचिवों के पद पर नियमित किया जाए एवम अन्य संविदाकर्मियों की तरह ही उनको भी 90% का लाभ देते हुए वेतन वृद्धि की जाए।
3- पंचायत ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत कार्यरत नियमित स्थाई अधिकारी – कर्मचारियों के ,वेतन,भत्ता, प्रमोशन इत्यादि विसंगतियों ,कमियों को दूर करते हुये,निर्धारित लाभ दिया जाये।
4-टारगेट आधारित पद्धति पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाते हुये,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से केवल विभाग के ही काम करवायें जायें,अन्य विभागों के कार्य लक्षित कर, ना करवाये जावें, प्रति- सप्ताह की VC को बन्द किया जाए।

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