आदिवासी बाहुल्य मंडला में शासन द्वारा कथित बाहुबलियों को रेत का अवैध उत्खनन करने के लिए अधिकृत नीलामी के माध्यम से किया गया है जहाँ मंडला जिले की रेत की समस्त खदाने 40 करोड़ की भारी भरकम राशि में नीलाम की जाती हैं और आधे अधूरी कागजी कार्यवाही के साथ ठेकदारों को उत्खनन की अनुमति प्रदान कर दी जाती है ज़िला प्रशासन एवं खनिज विभाग इतना मेहरबान है की जिन खादानो की स्वीकृति नहीं है वहां से भी मशीनों के द्वारा दिन रात ठेकेदारों के द्वारा उत्खनन किया जा रहा है ठेकदारों को रॉयल्टी की कमी न हो इसीलिए मिली भगत से रेत को जप्त किया जाता है और सरकारी रेट से उसका जुर्माना ऐसा किया जाता है कि नुकसान ठेकेदार को न हो और रॉयल्टी मिल जाए जिससे वो आम जनता को महंगी रेत बेच कर अपना मुनाफा दुगना वसूल कर सकें ,सरकारी माफिया और रेत माफिया ने मिलकर जिले को खोखला करने का ऐसा षड्यंत्र रचा है जिसका कोई मुकाबला नहीं,कथित नेताओं को साथ में रखा गया है ताकि हो हल्ला न हो
अवैध उत्खनन के लिए मामले ट्रेक्टर वालों पर बनाए जा रहे हैं जो अपना जीवन यापन भी नहीं कर पा रहे हैं और मशीनों से नदियों का सीना छ्लनी करने वाले माफिया पर कोई कार्यवाही नहीं वाह रे मंडला खनिज विभाग और ज़िला प्रशासन ……क्रमशः
पंकज कटारे,मंडला