अप्रैल माह का समय पर खाद्यान्न न पहुंचने से उपभोक्ता राशन लेने से वंचित हो गये, जबकि 6 अप्रैल को जिले की समस्त राशन दुकानों में खाद्यान्न पहुंच जाना चाहिए, लेकिन ट्रांसपोर्टर की नाकामी कहें या लापरवाही जिसका खामियाजा उपभोक्ता भुगत रहे हैं। इस बार अप्रैल माह का राशन न पहुंचने से गरीब परिवारों में अब भूखे मरने की नौबत आ सकती हैं, वहीं प्रत्येक माह की 7 तारीख को अन्न उत्सव मनाया जाता है जो इस बार अप्रैल माह में कई दुकानों में खाद्यान्न न पहुंचने से नहीं मनाया गया। मई माह की 11 तारीख हो गई और अप्रैल माह का खाद्यान्न जिले की 71 राशन दुकानों में नहीं पहुंचा इसमें गलती किसकी है यह जॉच का विषय है।
इस बार राशन दुकानों में अप्रैल माह का खाद्यान्न जिले की 71 राशन दुकानों में नहीं पहुंच पाया है। जब इस संबंध में जानकारी जुटाई तो पता चला कि ट्रांसपोर्टर के पास पर्याप्त वाहन न होने से खाद्यान्न समय पर राशन दुकान नहीं पहुंच पाया है। सस्ते दामों में राशन दुकान से मिलने वाला राशन उपभोक्ताओं को समय पर न मिलने से भूखे मरने की नौबत आ सकती है। मंहगाई इतनी चरम पर है कि सस्तेदामों में राशन दुकान से आनाज लेने वाला हितग्राही निजी तौर पर आनाज खरीदने में सक्षम नहीं है इसलिए समय पर जल्द राशन नहीं पहुंचा तो उपभोक्त परेशान हो जायेंगे। क्योंकि उपभोक्ताओं को पीडीएस एवं पीएमजीकेवाय योजना के तहत 15-15 दिन में राशन लेना है। यदि यह राशन उपभोक्ताओं को समय पर नहीं मिलेगा तो उनके घरों के चूल्हे कैसे जलेंगे ?
एक माह में देना है पीडीएस,पीएमजीकेवाय का अनाज
जिले में 526 राशन दुकाने और 2 लाख 36 हजार 196 राशन कार्डधारी है जिनको सस्ते दामों में प्रत्येक माह खाद्यान्न उपलब्ध कराना है। जिनमें से 71 राशन दुकानों में अप्रैल माह का खाद्यान्न वितरण के लिए नहीं पहुंचा है। जिले की 526 राशन दुकानों में रेग्युलर वितरण किये जा रहे गेंहू और चावल का आवंटन 51143 है जो प्रत्येक माह राशन दुकानों में उपभोक्ताओं को वितरण के लिए पहुंचाया जाता है। इसी तरह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 44 हजार 626 क्विंटल गेंहू और चावल वितरण के लिए भेजा जाता है जो हितग्राही को फ्री में दिया जाता है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रत्येक हितग्राही को 5 किलो अनाज फ्री दिया जाता है। फ्री अनाज वितरण के तहत 2 किलो चावल और 3 किलो गेंहू दिया जाता है। ये राशन पूरे माह उपभोक्ताओं को वितरण करना पड़ता है। 15 दिन पीडीएस का अनाज वितरण किया जाता है, वहीं 15 दिन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत वितरण किया जाता है। इस बार अप्रैल माह का राशन 71 दुकानों में नहीं पहुंचा है जिसके कारण उपभोक्ताओं के सामने राशन की बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है।
सेल्समेन और उपभोक्ता हो रहे परेशान
कुछ सेल्समेनों से अप्रैल माह का राशन न पहुंचने को लेकर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्टर के पास पर्याप्त वाहन नहीं है जिसके कारण समय पर बहुत सी राशन दुकानों में खाद्यान्न नहीं पहुंचा है। जिसके कारण उपभोक्ता राशन लेने के लिए दुकानों के चक्कर काट रहा है, वहीं हम सेल्समेन भी परेशान हैं। क्योंकि पहले जो ट्रांसपोर्टर को पीडीएस परिवहन का ठेका मिला था उनके पास पर्याप्त वाहन उपलब्ध होने से समय पर राशन दुकानों में खाद्यान्न पहुंच जाता था यहां तक कि एडवांस बुकिंग हो जाती थी। पहली बार ऐसा हो रहा है कि एक माह खाद्यान्न परिवहन का काम पीछे चल रहा है। उपभोक्ता राशन दुकान पहुंच रहे हैं, लेकिन खाद्यान्न उपलब्ध न होने से निराश होकर वापस चले जा रहे हैं। साथ ही सेल्समेन भी खाद्यान्न के इंतजार में राशन दुकान में बैठे हुए हैं। सेल्समेनों ने बताया कि पूरे माह हमें उपभोक्ताओं को राशन वितरण करना पड़ रहा है जिसके कारण हम परेशान हैं। हमारी ये मांग है कि उपभोक्ताओं को 15-15 दिन में राशन वितरण करने की बजाय ये दोनों ही योजना का खाद्यान्न एक साथ वितरण किया जाये तो बेहतर होगा। इससे सेल्समेन और उपभोक्ताओं को परेशानी न हो, क्योंकि 15 दिन पीडीएस और 15 दिन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का अनाज वितरण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बगैर खाद्यान्न पहुंचे कैसे मनाये अन्न उत्सव
सेल्समेनों से जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि अप्रैल माह का खाद्यान्न अभी तक राशन दुकानों में नहीं पहुंचा है जबकि अप्रैल माह समाप्त हुए 11 दिन बीत गये। यह मई का महिना है इस महिने भी अनेक दुकानों में खाद्यान्न नहीं पहुंचा है। अब सवाल ये उठता है कि महिने की प्रत्येक 7 तारीख का अन्न उत्सव मनाया जाता है जब समय पर खाद्यान्न ही नहीं पहुंचा तो बगैर खाद्यान्न के कैसे अन्न उत्सव मनाये? पहली बार ऐसा हो रहा है अधिकारियों की लापरवाही और ट्रांसपोर्टर की मनमानी के चलते समय पर राशन दुकानों में खाद्यान्न नहीं पहुंचा है। ऐसा नहीं कि वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में जानकारियां न हो फिर भी लापरवाही का आलाम बना हुआ है। अधिकारियों ने ट्रांसपोर्टर को सिर पर बैठा लिया है इसलिए शिकायतों के बाद भी कार्यवाही नहीं की जा रही है। अधिकारियों का संरक्षण मिलने का यह परिणाम है जो समय पर ट्रांसपोर्टर राशन दुकानों में खाद्यान्न नहीं पहुंचा पाया।
ट्रांसपोर्टर के पास नहीं है पर्याप्त वाहन
अप्रैल माह का खाद्यान्न 71 राशन दुकानों में नहीं पहुंचा है इसकी जानकारी जब सामने आई तो खाद्य विभाग से इस संबंध में खाद्य निरीक्षक से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि अप्रैल माह का खाद्यान्न नहीं पहुंचा है इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है। उन्होंने बताया कि मोहगांव क्षेत्र की 13, घुघरी क्षेत्र की 15, बिछिया क्षेत्र की 3, मवई क्षेत्र की 1, बीजाडांडी क्षेत्र की 7, नारायणगंज क्षेत्र की 1 और निवास क्षेत्र की 2 एवं नैनपुर क्षेत्र की 3 राशन दुकानों में अप्रैल माह का खाद्यान्न नहीं पहुंचा है। इसमें पूर्णरूप से ट्रांसपोर्टर की गलती है जिसके पास पर्याप्त वाहन नहीं है जो समय पर खाद्यान्न का परिवहन राशन दुकानों में किया जा सके। क्षेत्रों से उपभोक्ताओं के द्वारा लगातार शिकायतें की जा रही हैं कि हमारे क्षेत्र के राशन दुकानों में अप्रैल माह का राशन नहीं पहुंचा है और न ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का अनाज आया है। हमारे क्षेत्र में शादी विवाह का सीजन चल रहा है और हमें सस्ते दाम में अनाज नहीं मिल रहा है जिसके कारण हमारे सामने बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है। उपभोक्ताओं ने कहा कि सस्ते दाम में मिलने वाला अनाज अप्रैल माह में वितरण न होने के कारण हमारे परिवार के सामने खाद्य संकट आ गया है। उपभोक्ताओं ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि शादी विवाह के सीजन में समय पर सस्ता अनाज मिल जाये ताकि हमारे कार्यक्रम में खाद्य संकट की स्थिति न निर्मित हो।