श्रीराम नाम सत्य है …. इसे लिखने का बड़ा महत्त्व है …

श्री हनुमान लला दरबार सूर्य कुंड धाम पुरवा मंडला

मनोकामना पूर्ण करने के लिए क्या करें । इसके लिए हमारे धर्म शास्त्रों में बहुत सारे मंत्र और जप विधियां बताई गई हैं आइये हम आपको श्री हनुमान लाला के एसे दिव्य दरबार में लिए चलते है जहा श्री  हनुमान जिनके भक्त थे उनका नाम लेकर नहीं वरन लिखकर पूजा की जाती है .मनोकामना पूर्ण करने के लिए विभिन्न जप तप है पर इन सब में सबसे सरल राम नाम लेखन बताया गया है. श्री राम के नाम में  एक महान शक्ती है।  राम नाम की महिमा और शक्ति को जानने वाला आपको कोई नहीं मिलेगा,  यह मन को शांत और स्थिर करने वाला राम नाम का एक बहुत बढ़िया उपाय हैं । मन को शांति मिलेगी लग्न पूरी हो तो राम को भी पा सकोगे राम नाम का लेखन का कार्य एक महान यज्ञ समान हैं ।इस युग से आप राम नाम के लेखन को एक-एक आहुति समझ कर देखें राम नाम से राम को सदा हृदय में विराजमान भावना से लिखना चाहिए। राम नाम के लेखन से राम राम सुंदर सुंदर लिखे एक सफेद कागज पर लाल सही या लाल पैन से लिखिए। कागज पर लाइन नही होनी चाहिए वह एकदम कोरा होना चाहिए।  लाल रगं  के पैन से लिखे क्योकि  लाल रगं प्रेम का प्रतिक है और प्रभु नारायण का लाल रंग से गहरा नाता है। 

ऐसा  ही कुछ अद्भुत प्रयास ब्रम्ह मुहूर्त आरती सेवादार समाती सूर्य कुंड द्वारा किया जा रहा है जहा समिति द्वारा shri हनुमान लला दरबार में चारो और सफ़ेद कपड़ा  लगाकर श्रीराम नाम लेखन किया एवं करवाया भी जा रहा है जिसमे लाल एवं भगवा रंगों के द्वारा दिवार पर लगे इन कपड़ो पर भक्तो द्वारा बड़े ही श्रधा भाव से  श्रीराम नाम लेखन किया जा रहा है . 

राम नाम जाप की अनेक विधियां हैं उनमें से सबसे ज्यादा विधि राम नाम लेखन की सर्वोत्तम विधि है। राम नाम लेखन में जाप की अपेक्षा 100 गुना अधिक पुण्य फल मिलता है। ऐसा हमारे शास्त्र और वेदो में कहा गया है। राम लेखन स्वयं जाप है। राम नाम लेखन मौन के साथ लिखना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। प्रतिदिन कम से कम एक पृष्ठ या इससे अधिक राम नाम लिखें। राम नाम का लेखन कभी भी कहीं पर भी जितना भी लिख सकते हो। इसके लिखने की कोई नियम या  समय नहीं है ,लेकिन शुद्धता का ध्यान जरूर रखना है। राम लेखन लिखते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि यह नियम 90 दिन तक टूटने ना पाए तभी आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है। जब भी लिखना शुरू करें एक भी दिन बीच में ना छूटे पूरे लगातार 90 दिन तक लिखने से ही इंसान की हर मनोकामना पूरी होती है ।जिस मनोकामना आप लिखते समय मन में धारण किया हुआ है वह हर हाल में पुरी होती है। इसमें किसी भी प्रकार का संशय  नहीं है।

84 लाख योनिया भोगने के बाद राम नाम जाप लिखने वालों को इस संसार चक्र से जीवन मरण से मुक्ति मिल जाती हैं। पापों का नाश हो जाता है क्योंकि मनुष्य जन्म 84 लाख योनियों भोगकर प्राप्त होता है।  राम नाम लेखन निष्काम या सकाम दोनों तरह से किया जा सकता है। राम नाम का लेखन  प्रत्येक दिन जरूर करें एवं दूसरों को भी लिखने के लिए प्रेरणा अवश्य प्रदान करें। ऐसा मनुष्य श्री भगवान को बहुत प्यारा होता है। राम नाम लिखने का कार्य यदि नियम पूर्वक शुद्ध हृदय से आपका शुरू करेंगे तो शुरू करने से कुछ ही दिनों में आप इसके आश्चर्यजनक परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे । आपके मन को शांति मिलेगी आत्मबल बढ़ेगा आप के कष्ट कटने शुरू हो जाएंगे। इसका पूर्ण  लाभ लेने के लिए 90 दिन तक लगातार  हर रोज लिखे।  ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्दी पुरी होती है। श्री गणेश जी नारद जी के सुझाव के अनुसार पृथ्वी पर राम का नाम लिखकर उस राम के नाम की सिर्फ तीन बार परिक्रमा करके विजय प्राप्त कर ली और सारे संसार और देवताओं को सबसे पहले पूजा स्थान प्राप्त कर लिया था। इस राम नाम में एक अद्भुत और बहुत बड़ी शक्ति है। अपने सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने के लिए धन, सुख शांति , और  नित्य वृद्धि  के लिए राम नाम लिखना शुरु करके देखो। आपके कष्ट अवश्य कट जाएंगे .

श्री हनुमान लला दरबार सूर्य कुंड धाम पुरवा मंडला

बस ध्यान रहे राम नाम लिखते समय कापी  बिना लाईन के हो और पेज  एक ही तरफ लिखना है, दूसरी तरफ नहीं लिखना होता। और लाल रंग से लिखना है।राम नाम एक महान पारस मणि है। राम नाम एक अद्भुत शक्ति है। राम को मंत्र जपने से थोड़े ही समय में सुख ,आनंद, सर्व सिद्धि और प्रभु नारायण राम के दर्शन भी हो सकते हैं। राम के नाम से सारी इच्छाएं कामनाये  पूरी हो सकती हैं। प्रभु नारायण के किसी भी एक नाम भजो, तपो यह  सभी महान शक्तियां  हैं। भगवान का नाम पारस मणी के समान है। कबीर जी कहते हैं राम नाम एक ऐसी चीज है जिसे पाने के बाद और कुछ  पाना बाकी नहीं रह सकता। जिसे जानने के बाद कुछ और जानना बाकी नहीं रहता है। जहां पहुंचना के बाद  मां के गर्भ में नहीं आना पड़ता ।यह ऐसा दिव्य भगवान का नाम है। राम का नाम दीन दुखियों का दुख मिटा सकता है, रोगियों को रोग मिटा सकता है, पापियों का पाप हर सकता है, भक्तों से भक्त बना सकता है, मुर्दे में प्राण का संचार कर सकता है ,अर्थात भगवान असंभव को भी संभव बना सकते हैं।संसार में जो वस्तु अपने को सबसे प्रिय हो उस वस्तु पर सर्वाधिक स्नेह  हो वह प्रभु को समर्पित कर दें। ऐसा करने वाले के लिए है अनंत फल देने वाली हो जाती है।इस कलयुग में सिर्फ मनुष्य श्री राम के नाम जाप समरण से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। अन्य कोई साधन उपलब्ध करने की जरूरत नहीं है। भगवान श्री राम  कहते जो मनुष्य अपना मस्तक मेरे चरणों में रखकर और अपने दोनों हाथों से दाएं से दाहिने और बाएं से  बाएं चरण पकड़ कर कहे हे भगवान इस संसार सागर में डूब रहा हूं मृत्यु रूप ग्रह  मेरा पीछा कर रहे हैं।  मैं बहुत ही भयभीत हूँ।   हे प्रभू आप की शरण में पड़ा हूं ,आप मेरी रक्षा करो। ऐसे कहने वाले जीव आत्मा को मैं हमेशा  के लिए आप अभय कर देता हूं।

श्रीराम  नाम लिखते लिखते आदमी राम को ही लिख लेता है,  जान लेता है,पहचान लेता है, और इसमें मन भी लगता है, और मन की शुद्धि भी होती है। राम नाम लेखन में यह विशेषता है कि अपनी पूरी चेतना लिखते समय उसमें में रहती है। क्रिया भी वही, विचार भी वही, भावना भी हुई, और इस प्रकार क्रिया शक्ति विचार शक्ति एवं ये तीनों  शक्तियां सर्वात्मन इसमें लगती है । जप के  समय ध्यान इधर-उधर हो सकता है, पर लेखन के समय पूरा ध्यान उन्ही  में लग जाता है।  यह पूर्ण मनोयोग से इसमें लग सकते हैं। राम नाम के सभी विधानों का बड़ा महत्व है। लेकिन विधान विशेष इसलिए होता है जब लिखेंगे तो स्वभाविक ही आंख ,मन और हाथ में तीनों एकाकार करने होंगे। अतः मन इंद्रिय दोनों का सहयोग होता है ।मानसिक एकाग्रता और शांति के लिए लिखित मंत्र जप बहुत प्रभावशाली होता है। किसी साफ , हवादार, एकांत जगह पर बैठकर धैर्य और गंभीरता पूर्वक अवश्य लिखें तो बहुत लाभ होगा। मानसिक एवं शारीरिक रूप से शांति मिलती है।यह एक अनुभव किया हुआ प्रयोग है। धरती पर जितने भी महान संत हुए हैं उन सब ने राम नाम को  जप , तप और लिखा है ।ऐसा हमारे शास्त्रों में धार्मिक शास्त्रों में वर्णन है।

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