बच्चियों ने जिले के मुखिया को कहा थैंक यू सर

मीडिया टुडे द्वारा जनसुनवाई में पहुची छात्रावास की छात्राओ की समस्या को लाइव चलाया गया था जिसे जिला दंडाधिकारी ने त्वरित संज्ञान में लेते हुए शाम के समय छात्रावास का स्वयं निरीक्षण किया . जिसमे छात्रावास की व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिए गए , इस दोरान एस पि मंडला , ए सीट्राय वल मंडला भी उपस्थित थे

ये होती है मानवता और संवेदनशीलता। एक अधिकारी जो अपने कार्यक्षेत्र में अपने दायित्वों का निर्वहन ऐसे करते हैं कि आम जनता भी उनका दिल से शुक्रिया करने से खुद को रोक नही पाती। आज जनसुनवाई में अनुसूचित जाति महाविद्यालयीन कन्या छात्रावास मण्डला की बच्चियों ने छात्रावास में खाना अच्छा नही मिलने और होस्टल अधीक्षिका द्वारा प्रताड़ित किये जाने संबंधी शिकायत की थी। जिसे गत दिवस सुबह मिडिया टुडे द्वारा लाइव चलाया गया था जिस पर जिले संवेदनशील कलेक्टर महोदय ने संज्ञान लिया और शाम को जिले के अधिकारियों के साथ खुद उस छात्रावास के निरीक्षण में पहुंच गए। कलेक्टर को अपने बीच पाते ही बच्चियों ने भी बिना डरे वो सब कुछ बताया जो अक्सर छात्रावास की बच्चियां डर के कारण नही बता पाती हैं। कलेक्टर ने बच्चियों की हर बात गंभीरता से सुनी और अधीक्षिका को फटकार लगाई। साथ ही छात्रावास की हर कमी को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए। चूंकि संबंधित अधीक्षिका न्यायालयीन स्टे पर है इसलिए उसे हटाने की कार्यवाही नही की जा सकती थी, इसके निराकरण में कलेक्टर ने बच्चियों को खुद का नंबर दिया और किसी भी परेशानी की स्तिथि में बिना संकोच के फोन लगाने हेतु कहा। बच्चियों ने पीने के पानी की गंदगी को लेकर कहा तो कलेक्टर ने तत्काल अधिकारियों को बोलकर आर ओ लगवाने हेतु निर्देशित किया। बच्चियों की हर समस्या तत्काल समाधान हो रही थी, और जो बेटियां सुबह जनसुनवाई में रोते हुए गई थीं शाम को कलेक्टर के आकस्मिक निरीक्षण के बाद उनके चेहरे की मुस्कान वापस आ गई। वाकई में जिले के मुखिया के रूप में ऐसे ही संवेदनशील अधिकारी की मण्डला जिले को लंबे समय से जरूरत थी। कलेक्टर श्री जगदीश चंद्र जटिया जी ने जिले में अपने कामों से आम जनता के दिलों में अपनी जगह बनाने का काम किया है। दफ्तर में अपनी समस्या लेकर जाने वालों से सहजता से मिलना, उनका समाधान करना और हर स्तर पर जिले की प्रगति के लिए सुबह से देर रात तक काम करना। निरीक्षण के बाद जब बच्चियों की पीड़ा का निदान हो गया तो बच्चियां भी आखिर में खुद को ये कहने से नही रोक पाईं कि थैंक यू कलेक्टर सर…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here